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देखभाल का तालमेल और ज़िम्मेदारी सौंपना

देखभाल के तालमेल में देखभाल टीम के एक सदस्य से किसी दूसरे सदस्य के लिए कई बार ज़िम्मेदारी बदली या सौंपी जाती है। टीम सदस्यों के बीच ड्यूटी का सुचारु परिवर्तन और सटीक संवाद मरीज की प्रतिदिन की देखभाल के महत्वपूर्ण पहलू हैं।

कभी-कभी देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपना मरीज और परिवारों के लिए तनावपूर्ण और उलझन से भरा हो सकता है। इसलिए यह समझना उपयोगी होता है कि नर्स और दूसरे लोग क्या जानकारी साझा करते हैं। कुछ अस्पतालों में गलतियों की संभावना को कम करने और मरीज के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपने की निश्चित प्रक्रियाएं होती हैं।

तीन नर्स गलियारे में खड़े होकर बचपन में होने वाले कैंसर के मरीज का चार्ट देख रहे हैं।

ड्यूटी बदलने के दौरान स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच मरीज की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की जाती है।

देखभाल टीम पर ज़िम्मेदारी सौंपना

मरीज की देखभाल के लिए ड्यूटी तब बदली जाती है या उसकी ज़िम्मेदारी तब सौंपी जाती है जब:

  • एक नर्सिंग शिफ़्ट ख़त्म होकर दूसरी शुरू होती है
  • आंतरिक विभागों के बीच मरीज को स्थानांतरित किया जाता है
  • मरीज को डिस्चार्ज करके बाहर के सुविधाकेंद्र में रखा जाता है
  • एक चिकित्सक या विशेषज्ञ किसी दूसरे देखभाल प्रदाता को ज़िम्मेदारी सौंपता है

ड्यूटी बदलने के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी साझा की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आने वाले देखभाल टीम के सदस्य के पास नवीनतम जानकारी होगी।

देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपने के दौरान साझा की जाने वाली जानकारी यह होती है:

  • मरीज के रोग की पहचान
  • जीवन के महत्वपूर्ण संकेत
  • ज़रूरी दवाइयां (सारणी और निर्देश)
  • जांच और प्रक्रियाओं की सारणी
  • जांच और प्रक्रियाओं के परिणाम
  • देखभाल की योजना
  • मरीज ने पिछली बार कब खाया या पीया
  • दवाई और खाने से एलर्जी
  • कानूनी संरक्षक की पहचान

नर्स दिन में कई बार जानकारी की पुष्टि करने के लिए सवाल पूछते हैं। इससे मरीज और परिवार वाले तंग हो सकते हैं। लेकिन इससे गलतियों की संभावना कम हो जाती है। टीम के सदस्यों के बीच स्पष्ट और सटीक संवाद से मरीज को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।

देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपने के प्रोटोकॉल

कई अस्पतालों में ड्यूटी बदलने के दौरान संवाद के लिए निश्चित प्रक्रियाएं होती हैं। हर अस्पताल के अपने अलग प्रोटोकॉल होते हैं लेकिन सामान्य रूप से इनमें कुछ ज़रूरी बातें शामिल होती हैं।

  • रोगी की पहचान: देखभाल सही मरीज को दी जा रही है, यह सुनिश्चित करने के लिए नाम, आयु और जन्मतिथि जांचना।
  • स्वास्थ्य की स्थिति: रोग की पहचान करना, इलाज की योजना और ज़रूरत, चिंता या शिकायत की स्थिति में प्रदाता के सबसे हाल ही के आकलन से बेहतर कार्यवाही निर्धारित करने में मदद मिलती है।
  • चिकित्सकीय पृष्ठभूमि: प्राणाधार लक्षण, दवाइयों की सूची, लैबोरेटरी के परिणाम और चिकित्सकीय इतिहास की जांच करना, यह सुनिश्चित करता है कि मरीज की चिकित्सा पृष्ठभूमि और वर्तमान स्वास्थ्य जरूरतों के अनुसार देखभाल की जा रही है।
  • सुरक्षा संबंधी चिंता: खाने और दवा से होने वाली एलर्जी, लैब रिपोर्ट, सामाजिक और परिवार के कारकों या अन्य समस्याओं की पहचान करने से मरीज के स्वास्थ्य और सुरक्षा को बनाए रखने में मदद मिलती है।
  • समय-निर्धारण: देखभाल शेड्यूल की योजना बनाना, जैसी कि कब दवाइयां और इलाज देना है और किस क्रम में देना है, इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि देखभाल सही क्रम से की जा रही है।
  • ज़िम्मेदारी: देखभाल के निश्चित कामों या स्थितियों के लिए किस देखभाल टीम के सदस्य को ज़िम्मेदारी दी गई है, यह जानने से देखभाल के तालमेल में मदद मिलती है।

देखभाल की ज़िम्मेदारी संभाल रहे टीम सदस्यों को कुछ स्थितियों में एक-दूसरे की भूमिकाओं और काम सहित एक-दूसरे को जानने की आवश्यकता होती है।

मरीज और परिवार क्या कर सकते हैं

बच्चे की देखभाल में शामिल सभी लोगों पर नज़र रखना तनाव और उलझन से भरा हो सकता है। देखभालकर्ता के ऊपर यह अतिरिक्त ज़िम्मेदारी होती है क्योंकि बच्चे खुद की हिमायत उस तरह से नहीं कर सकते हैं, जिस तरह से बड़े कर सकते हैं।

कई तरीकों से मरीज और परिवार के सदस्य देखभाल के तालमेल में मदद कर सकते हैं। सक्रिय भूमिका निभाकर चिंता, तनाव और गलतियों की संभावना को कम किया जा सकता है।

  • देखभाल की ज़िम्मेदारी सौंपने की प्रक्रियाएं जानें। अस्पताल का प्रोटोकॉल पढ़ें। प्रश्न पूछें और निश्चित चरणों का कारण जानें।
  • देखभाल टीम के हर सदस्य की भूमिका को समझें। किस चीज़ की ज़िम्मेदारी किस पर है—और किन सवालों का जवाब कौन दे सकता है—यह जानने से देखभाल बेहतर हो सकती है और गलतफ़हमी की संभावना को कम किया जा सकता है।
  • देखभाल टीम के सदस्य का नाम और सारणी पूछें। इससे संवाद बेहतर हो सकता है और परिवार को यह जानने में मदद मिलती है कि वह क्या उम्मीद कर सकते हैं।
  • याद रखें, देखभाल टीम के सदस्य भी इंसान होते हैं। गलती होने पर चिकित्सक को सम्मानपूर्वक लेकिन सीधे समस्या के बारे में बताएं। आवश्यकता होने पर सुपरवाइजर या मरीज के सलाहकार से संपर्क करें। मरीज का सलाहकार अस्पताल का एक पेशेवर व्यक्ति होता है जो मरीज की देखभाल और समस्याओं में सहायता करता है। किसी भी संबंध की तरह, अच्छा संवाद ज़रूरी होता है।
  • देखभाल की ज़िम्मेदारियों में सक्रिय रूप से भाग लें। कुछ अस्पताल प्रक्रिया में मरीजों और परिवार के लोगों को शामिल करते हैं। प्रक्रिया के दौरान परिवार के लोग नोट्स लेने, प्रश्न पूछने के लिए मौजूद रह रकते हैं, दिनचर्या की योजना समझ सकते हैं और बच्चे की स्थिति के बारे में बता सकते हैं। यदि मौजूद होते हैं, तो यह देखभाल टीम के सदस्यों के साथ मिलकर काम करने का अच्छा अवसर होता है।
  • देखभाल संबंधी जानकारी लिखें। मरीज के कमरे में संवाद के लिए अक्सर एक व्हाइटबोर्ड होता है। मेडिकल और देखभाल संबंधी सुधार का पता करने के लिए एक नोटबुक रखना भी उपयोगी हो सकता है।

नोटबुक में यह लिखें:

  • नाम, भूमिका और अनुसूची सहित देखभाल टीम के सदस्य की जानकारी।
  • मरीज की सारणी और देखभाल योजना। दवाइयां, इलाज, जांच और प्रक्रियाओं की जानकारी शामिल करें।
  • विशिष्ट देखभाल टीम के सदस्यों से पूछे जाने वाले प्रश्न।
  • देखभाल टीम द्वारा दिए गए निर्देश और जानकारी।

जब संभव हों, बच्चों को मदद करने दें। बच्चों के मन में खुद के प्रश्न हो सकते हैं। उन्हें अक्सर वह बातें याद रहती हैं, जो अभिभावक भूल जाते हैं। बच्चों के पसंदीदा शौक या खेल टीम जैसी अन्य जानकारी देखभाल टीम को बताएं। इससे अच्छा संबंध बनाने में मदद मिल सकती है और उससे संवाद और देखभाल में सुधार होता है।


समीक्षा की गई: जून 2018